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भर्ती करने को कहा तो मारकर भगा दिया जू डॉक्टरों ने रोगी को.. ...

जू. डॉक्टरों ने आयुष्मान रोगी को एक के बाद एक जड़े तमाचे,

कानपुर मे हैलट इमरजेंसी में रोगियों के साथ जूनियर डॉक्टरों की अभद्रता के मामले बंद नहीं हो रहे हैं। इलाज के लिए आए आयुष्मान योजना के लाभार्थी को जूनियर डॉक्टरों ने भर्ती नहीं किया और तमाचे ऊपर से जड़ दिए। जब जनसंपर्क अधिकारी ने रोगी के इलाज के लिए कहा तो जूनियर डॉक्टरों ने उनसे भी अभद्रता की।

मरीज के परिजनों ने इसकी लिखित शिकायत ईएमओ से की है। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या के संज्ञान में मामला आने पर रोगी को भर्ती किया गया। डॉ. मौर्या ने मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरि से आख्या मांगी है। 
 आयुष्मान लाभार्थी औरैया जिले के नहरागूज निवासी सुनील कुमार मेडिसिन विभाग में इलाज चल रहा था। रविवार को अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। रोगी अपनी पत्नी और रिश्तेदार के साथ रेलवे स्टेशन पर गया। वहां तबियत फिर बिगड़ गई। घरवाले उसे लेकर सोमवार सुबह हैलट इमरजेंसी पहुंचे। रोगी की रिश्तेदार रामदेवी और पत्नी का आरोप है कि जूनियर डॉक्टर दवा लिखकर उसे भगाने लगे।

मरीज की हालत ठीक न होने की बात कहने पर अभद्रता शुरू कर दी। परिजनों ने पीआरओ पल्लवी को बताया तो जूनियर डॉक्टरों ने पीआरओ से अभद्रता की। परिजनों का आरोप है कि मरीज को डॉक्टरों ने कई तमाचे मारे और सभी को धक्का मारकर बाहर निकाल दिया। रामदेवी ने इसकी लिखित शिकायत ईएमओ डॉ. विनय कटियार से की। ईएमओ ने घटना प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मौर्या को बताई। इसके बाद मरीज को भर्ती किया गया।

स्वाइन फ्लू के शक पर मरीज को भगाया

फतेहपुर के बलियाबाग की रहने वाली रोगी ललिता देवी को स्वाइन फ्लू के शक पर जूनियर डॉक्टर भगाते रहे। रोगी रविवार रात को हैलट इमरजेंसी आई थी। पहले उसे स्त्री रोग विभाग और मेडिसिन के बीच में चक्कर कटवाते रहे। इसके बाद स्वाइन फ्लू होने का शक हुआ तो उसे आईडीएच ले जाने के लिए कहते रहे।

पीआरओ जब मरीज को लेकर गए तो जूनियर डॉक्टरों ने मरीज और पीआरओ दोनों से अभद्रता की और बाहर भगा दिया। रोगी के तीमारदार अभिषेक ने हैलट के इमरजेंसी मेडिकल अफसर को लिखित शिकायती पत्र दिया है कि जूनियर डॉक्टरों ने उससे धक्कामुक्की और अभद्रता की है। बाद में सोमवार सुबह रोगी को भर्ती किया गया। 

पीआरओ की शिकायत पर जांच कमेटी गठित

हैलट इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टरों के जन संपर्क अधिकारियों से अभद्रता के मामले में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने जांच कमेटी गठित कर दी है। जन संपर्क अधिकारियों की शिकायत है कि वे मरीजों को इलाज दिलाने के लिए उनका सहयोग करते हैं। जूनियर डॉक्टर आए दिन उनसे भी अभद्रता करते हैं। इसके अलावा हंगामा के दौरान ईएमओ डॉ. अनुराग राजौरिया के हस्तक्षेप न करने पर भी रोष व्यक्त किया गया। 

प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक हैलट डॉ. आरके मौर्या ने कहा रेजीडेंट डॉक्टर कंट्रोल में नहीं आ रहे हैं। घटनाएं बराबर हो रही हैं। अगर नहीं मानेंगे तो उनके अस्पताल आने पर रोक लगाई जाएगी। प्राचार्य को भी इस संबंध में पत्र लिखा है। मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरि को पत्र लिखकर आख्या मांगी है। इसके बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉ. रिचा गिरि ने बताया मैंने रेजीडेंट डॉक्टरों से पता किया है। वे इस तरह की किसी घटना से इंकार कर रहे हैं। मामले की जांच कराई जाएगी।

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