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सीईटीपी व टेनरियां खुली 104 दिन बाद हटा बंदी का आदेश ...

दही चौकी में 14 व बंथर की 27 टेनरियां शामिल

उन्नाव। प्रदूषित उत्प्रवाह पर एनजीटी के आदेश पर बंद कराई गई 41 टेनरियों व सीईटीपी को खोलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। हाल ही में एनजीटी की ओर से गठित मानिटरिंग कमेटी के निरीक्षण के बाद एनजीटी ने बंद टेनरियों व सीईटीपी को खोलने का आदेश दिया है। 104 दिन से बंद टेनरियों के खोलने के आदेश जारी होते ही टेनरी संचालकों ने राहत की सांस ली है।

एनजीटी के निर्देश पर जून में सीपीसीबी व यूपीपीसीबी की टीम ने पांच दिन में सीईटीपी से पानी के दस नमूने लिए गए थे। जांच में सभी नमूने फेल होने पर एनजीटी ने सीईटीपी दही चौकी व बंथर को बंद करने के आदेश जारी कर दिए थे। सीईटीपी बंद होते ही उससे जुड़ी 41 टेनरियां भी बंद हो गई थी। जिसमें दही चौकी में 14 व बंथर की 27 टेनरियां शामिल थी। एनजीटी ने बंद टेनरियों व सीईटीपी को खोलने के लिए सीईटीपी को अपग्रेड करने की शर्त रखी थी। जिस पर टेनरी संचालकों ने अपने स्तर से लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च कर सीईटीपी को अपग्रेड कराया था। अपग्रेडेशन की प्रक्रिया जुलाई माह के अंत में पूरी हो गई थी।

इस बीच समय समय पर सीपीसीबी व यूपीपीसीबी के अधिकारी सीईटीपी का निरीक्षण करते रहे थे। हालांकि उन्होंने बंद सीईटीपी को खोलने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया था। 15 दिन पूर्व एनजीटी की ओर से गठित मानिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस अरुण टंडन ने टीम के साथ सीईटीपी का निरीक्षण किया था। निरीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी ने सीईटीपी व टेनरियों को दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विमल कुमार ने बताया कि सीईटीपी को तीन दिन पहले खोल दिया गया था। टेनरियां भी खुलने लगी हैं।

दो माह तक टीमें रखेंगी नजर

तीन माह बाद सीईटीपी व टेनरियों में उत्पादन शुरू करने के आदेश जारी करने के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं कि वह उत्प्रवाह पर नजर बनाए रखे। टेनरियां खुलने के दो माह बाद तक सीपीसीबी व यूपीपीसीबी की टीमें टेनरियों और सीईटीपी के उत्प्रवाह पर नजर रखेगी। जांच में प्रदूषण मिलने पर फिर बंदी की कार्रवाई भी हो सकती है।

पांच हजार करोड़ का हुआ नुकसान

उत्तर प्रदेश चर्म उद्योग संघ के उन्नाव चेप्टर के चेयरमैन ताज आलम ने बताया कि चर्म इकाईयों को बंदी का आदेश जारी करने के साथ गीला व सूखा काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। टेनरियों में किसी तरह का काम न हो सके इसके लिए उसके विद्युत कनेक्शन भी कटवा दिए गए थे। नतीजतन चर्म उद्योग को प्रति माह लगभग डेढ़ से दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। चर्म उद्योग प्रतिमाह औसतन दो हजार करोड़ रुपये का आयात व निर्यात करता है।

तीस हजार मजदूरों से छिना था रोजगार

41 टेनरियों के बंद होने से जिले में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर लगभग 30 हजार मजदूरों से रोजगार छिन गया था। अनिश्चितकालीन बंदी की वजह से बड़ी संख्या में मजदूर जिले से पलायन भी कर गए थे। टेनरियां खुलने से मजदूरों को दोबारा रोजगार मिल सकेगा।

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