बुजुर्ग डॉक्टरों ने ओपीडी के मरीज देखने बंद किए ...
कोरोना से बचाव के मद्देनजर बरत रहे सतर्कता
कानपुर:- कोरोना से बचाव के मद्देनजर शहर के बहुत से बुजुर्ग डॉक्टरों ने ओपीडी में रोगी देखना बंद कर दिए हैं। 60 साल से अधिक उम्र के कई चिकित्सक डायबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर की गिरफ्त में हैं। इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना रोगी की मुंह की भांप, छींक आदि से जो ड्रॉपलेट्स निकलते हैं उससे संक्रमण फैलता है। खासतौर पर ईएनटी, दांत और फिजिशियन चिकित्सक सीधे संक्रमण की चपेट में आते हैं।
निजी अस्पताल और क्लीनिकों की ओपीडी में रोगियों को देखने से बुजुर्ग डॉक्टर परहेेज कर रहे हैं। जो डॉक्टर रोगी देख भी रहे हैं वे पूरा एहतियात बरत रहे हैं। सीनियर ईएनटी सर्जन और कॉक्लियर इम्प्लांट विशेषज्ञ डॉ. देवेंद्र लालचंदानी ने बताया कि बुजुर्ग चिकित्सक संक्रमण को लेकर ज्यादा संवेदनशील हैं।
इस कारण उन्होंने मरीजों को देखना बंद कर दिया है। बुजुर्ग डॉक्टर प्रैक्टिस से घबरा रहे हैं। सीनियर फिजिशियन और डायबेटोलोजिस्ट डॉ. नंदिनी रस्तोगी का कहना है कि कोरोना का कोई इलाज नहीं हैै। बचाव ही एक रास्ता है। ज्यादा उम्र वाले कोरोना रोगियों की मृत्यु दर 10 से 15 प्रतिशत है और वयस्कों की ढाई प्रतिशत। ऐसे में संक्रमण से बचाव की जरूरत है।
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