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घटना होने पर संबंधित प्रभारी को ही जिम्मेदार माना जाएगा ...

बारूद के ढेर पर बैठा है शहर

कानपुर के बिधनू के द्विवेदी नगर में सोमवार रात को पटाखों में विस्फोट के बाद भले ही पुलिस अलर्ट हो गई हो लेकिन बहुत देर हो चुकी है। क्योंकि पैसों के लालच में पटाखों का अवैध रूप से कारोबार करने वाले लोग दो-तीन महीने पहले ही सक्रिय हो जाते हैं। पटाखों का अवैध रूप से भंडारण कर लेते हैं। इसके बाद दिवाली में धड़ल्ले से बेचते हैं। मतलब पूरा शहर इस समय बारूद के ढेर पर बैठा है।

यहां मिल सकती थी पुलिस को सफलता

सूत्रों की मानें तो पुलिस को अवैध भंडारण की जानकारी होते हुए भी कई बार सेटिंग गेटिंग के चलते अपनी आंखें बंद कर लेती है। द्विवेदी नगर में हुए पटाखा विस्फोट में भी प्रखर के दिवाली से पहले हर साल पटाखों का भंडारण करने की बात पुलिस की जांच में सामने आई है। सूत्र बताते हैं कि बिधनू रमईपुर के आउटर में रहने वाले कुछ परिवार आज भी अवैध पटाखा भंडारण का काम करते हैं। वहीं, अगर पुलिस बिधनू के माधवबाग, कानपुर देहात, उन्नाव, हमीरपुर के आतिशबाजी के लिए फेमस इलाकों में दबिश देती तो बड़ी सफलता हाथ लग सकती थी।

पुलिस को फिर से धमाके का इंतजार 

सालों पहले शहर में किरायेदारों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन आज तक इस प्रक्रिया को धरातल पर पूरी तरह से नहीं लाया जा सका। प्रबुद्घ वर्ग का कहना है कि अगर पुलिस समय-समय पर किरायेदारों का सत्यापन कराती रहती तो सोमवार को हुई घटना में किसी के घर का इकलौता चिराग न बुझता। इसके अलावा चौकी इंचार्ज अपने क्षेत्र में मीटिंग कर लोगों को अवैध पटाखा भंडारण से होने वाले नुकसान से भी अवगत करा सकते थे।

किस काम की एस-10

पुलिस ने क्षेत्र में मुखबिरी के लिए एस-10 का गठन किया था। इसके तहत समाज में रहने वाले कुछ प्रबुद्घ वर्ग के लोगों को पुलिस सामाजिक दायित्व निभाने की जिम्मेदारी देती है। इनका काम क्षेत्र में होने वाली अराजक और संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखना और पुलिस को अवगत करना था। लोगों का मनाना है कि अगर पुलिस की एस-10 टीम सजग होती तो शायद यह घटना न होती। इस घटना के बाद फिलहाल सभी थाना पुलिस ने अपनी एस-10 टीम के साथ बैठक कर क्षेत्र में नजर रखने की अपील की है। वाट्सएप ग्रु़प से भी सभी को क्षेत्र में किसी तरह की  संदिग्ध गतिविधि दिखने पर सूचित करने को कहा गया है।


बिना अनुमति सज जाती हैं दुकानें

इस संबंध में सीएफओ एमपी सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि शहर में अवैध पटाखों को व्यापार धड़ल्ले से किया जाता है। हाल ही में करवाचौथ और दशहरा के त्योहार का हवाला देते हुए बताया कि शहर में जगह-जगह पटाखों की दुकानें सजी दिखाई दे रही थीं। जबकि, एक भी दुकानदार से फायर विभाग से दुकान लगाने की कोई अनुमति तक नहीं ली थी। ऐसे में जिस थाना क्षेत्र में अवैध पटाखों की दुकानें लगती हैं, उन्हें रोकने की जिम्मेदारी भी उसी थाने की बनती है।

काश पहले जाग जाती पुलिस

बिधनू में पटाखा विस्फोट के बाद ही पुलिस ने ताबड़तोड़ पटाखा बेचने वालों पर नकेल सकना शुरू कर दिया है। मंगलवार को किदवईनगर में पुलिस ने किदवईनगर निवासी छोटू गुप्ता को दो झोलों में अवैध पटाखों के साथ घर से धर दबोचा। वहीं, इसी तरह नौबस्ता पुलिस ने भी गोपालनगर निवासी अनिकल कुमार को दो बोरियों में अवैध पटाखों के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। पुलिस की इस कार्रवाई का पता चलने के बाद बिधनू में लोगों का कहना है कि काश पुलिस पहले ही जाग गई होती तो इतनी बड़ी घटना न होती।

सभी थाना प्रभारियों को अपने क्षेत्र में सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह की घटना होने पर संबंधित प्रभारी को ही जिम्मेदार माना जाएगा।
- रवीना त्यागी, एसपी साउथ 

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