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कानपुर के 10 हजार बैंक कर्मियों को मिलेगा बढ़ा वेतन ...

बैंक कर्मियों की बल्ले बल्ले

कानपुर :- भारतीय बैंक संघ और बैंक यूनियनों के बीच वेतन वृद्धि व अन्य मांगों को लेकर चल रही वार्ता तमाम रुकावटों के बाद आखिरकार नतीजे पर पहुंच गई। इससे देशभर के बैंक कर्मियों की बल्ले बल्ले हो गई है। जिले में करीब 10 हजार बैंक कर्मियों व अधिकारियों को इसका फायदा मिलेगा।

समझौते के मुताबिक बैंक कर्मियों को अब 15 फीसदी बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा वह भी नवंबर 2017 से। भत्तों में भी 15 फीसदी वृद्धि को स्वीकृति दी गई है। हालांकि नवंबर 2017 से पहले रिटायर हो चुके कर्मचारियों और अधिकारियों को इस वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलेगा।
लेकिन नवंबर 2017 के बाद रिटायर होने वाले कर्मियों को एरियर दिया जाएगा। इससे उनके वेतनमान में वृद्धि होगी। पेंशन भी बढ़ेगी। बताते हैं कि नवंबर 2017 से अब तक करीब दो हजार बैंक कर्मी रिटायर हुए हैं। ऐसे में इन्हें अब बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी। वहीं, वर्तमान में जो कर्मचारी नौकरी पर हैं उन्हें इस वेतन वृद्धि से तीन से 15 हजार रुपये महीने का लाभ पहुंचेगा।

इन मुद्दों पर बनी सहमति

वेतन वृद्धि एक नवंबर 2017 से प्रभावी, वार्षिक वेतन वृद्धि 15 प्रतिशत, मूलवेतन में 2 प्रतिशत लोड फैक्टर पर सहमति,  प्रतिवर्ष पांच दिन छुट्टियों का नकदीकरण 55 वर्ष तक, उसके ऊपर 7 दिन का,  लाभ से जुड़ी प्रोत्साहन राशि 13 प्रतिशत,  एनपीएस सहयोग राशि 14 प्रतिशत, 47.80 फीसदी महगांई भत्ते पर सहमति।

इन नेताओं का रहा योगदान

लंबे समय बाद बैंक यूनियन के पदाधिकारी व अधिकारी सरकार से अपनी मांग मनवाने में सफल हुए हैं। इसमें शहर के भी तमाम अधिकारी और कर्मचारी नेताओं का योगदान है। बैंक ऑफ बड़ौदा से रजनीश गुप्ता, विपिन राव, पंजाब नेशनल बैंक से अनिल मिश्रा, संजय त्रिवेदी, भारतीय स्टेट बैंक से विजय अवस्थी, राजेंद्र अवस्थी, मनोज तिवारी, रत्नेश बाजपेई, अजय पांडेय, अरविंद द्विवेदी, इलाहाबाद बैंक से अरुण बाजपेई,  केनरा बैंक से सुधीर सोनकर, यूनियन बैंक से बृजेंद्र पांडेय, बैंक ऑफ इंडिया से अनिल सिंह, सिंडीकेट बैंक से अंकुर द्विवेदी, अनिल सोनकर का नाम प्रमुख है।

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