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बुटीक से कपड़ा हुआ गायब, महिला ने डेढ़ साल लड़ा मुकदमा ...

उपभोक्ता फोरम में परिवाद दर्ज कराया था

हर आदमी कोर्ट कचहरी के चक्कर से बचना चाहता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक महिला ने ब्लाउज के कपड़े के लिए डेढ़ साल मुकदमा लड़ा। दरअसल, महिला ने विशेष समारोह में पहनने के लिए साड़ी की मैचिंग का ब्लाउज सिलने को एक बुटीक में कपड़ा दिया, लेकिन ऐन वक्त पर संचालिका ने कपड़ा ही गायब कर दिया। 

ऐसे में वह अपनी पसंद का कपड़ा नहीं पहन सकी। इतना ही नहीं कई बार दौड़ाने के बाद भी बुटीक संचालिका ने उसे कपड़े की कीमत तक नहीं दी। इससे झल्लाई महिला ने उपभोक्ता फोरम में परिवाद दर्ज कराया। डेढ़ साल मुकदमा लड़ने के बाद फोरम ने महिला के हक में आदेश पारित किया है।

यशोदा नगर पी ब्लॉक निवासी सारिका वाजपेयी ने एन ब्लॉक स्थित मेसर्स आर्ची बुटीक एंड लेडीज टेलर्स में दो ब्लाउज सिलने को दिए। इनके कपड़ों की कीमत 3070 रुपये थी। सारिका को दोनों ब्लाउज आठ मई 2017 की शाम को एक समारोह में पहनने थे। बुटीक संचालिका नीतू ने 480 रुपये सिलाई तय कर दोपहर तक ब्लाउज सिलकर देने को कहा था।

आठ मई की शाम सारिका ब्लाउज लेने पहुंचीं, लेकिन नहीं मिले। इस कारण सारिका अपनी मनपसंद साड़ी की मैचिंग के ब्लाउज नहीं पहन सकीं। नीतू ने एक सप्ताह में ब्लाउज खोजकर देने को कहा पर कई चक्कर लगाने के बाद भी न तो ब्लाउज सिलकर दिए और न ही कपड़े की कीमत लौटाई। इस पर सारिका ने 19 फरवरी 2018 को उपभोक्ता फोरम में नीतू के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया था। 

फोरम ने नोटिसें भेजीं, लेकिन नीतू हाजिर नहीं हुई। इस पर फोरम ने सारिका के हक में फैसला सुनाते हुए कपड़े की कीमत 3070 रुपये लौटाने के साथ ही दो हजार रुपये परिवाद व्यय भी अदा करने का आदेश दिया है।

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