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गौशाला गौ संरक्षण के नाम पर सरकार को लग रहा है चूना ...

बात मुद्दा की

वैसे तो देश क्या प्रदेश सब जगह हाल एक जैसा है बाज़ारो में सन्नाटा कारोबार ठप लोग हैरान परेशान बस एक ही आस है जो सब को सब्र का टॉनिक पिलाती रहती है कि अच्छे दिन आएगे। जानना सब चाहते है पर सब्र के टॉनिक का असर क़ाफी ज़्यादा है जिस के चलते कभी कुछ तो कभी कुछ धोखा दे जाता है। यह तो बात हो गई सवा करोड़ दो पाँव वालो की परंतु अच्छे दिनों का सुख कुछ दिनों के लिए ही सही सवा करोड़ से अलग कुछ उत्तर प्रदेश में पाए जाने वाले भारतीय द्वारा अवश्य चखी गई है। सोच में पड़ गए मामला क्या है क्या कहना और लिखने की चेष्टा कर रहा हूं। तो चलिए अब सीधे मुद्दे पर ही आ जाते है।

कोई नही सुरक्षित न चार न दो पैर

इस समय हमारा देश आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा है। जिसके सुधार के लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे है अब कितना सुधार होगा और कितने समय में उसका प्रभाव आम जनमानस के हित में होगा यह तो समय ही बताएगा परंतु आज जिस विषय पर हमारा लेख केंद्रित है वह है गौशाला और गौ संरक्षण। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनते है प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा  गौशालाओं गौ संरक्षण गौवंश आदि गाय प्रजाति से जुड़ी उन तमाम बातों पर कई प्रमुख फ़ैसले लिए साथ ही संबंधित अधिकारियों को सख्त दिशानिर्देश भी जारी किए जिसका व्यापक असर भी दिखा। प्रशासन हो या आम जनता सब सजग नज़र आये, कुछ स्थानों पर अराजकता भी फ़ैलाने की कोशिश भी की गई मोबल्यंचिंग मार पिटाई आदि का शिकार भी आम जनमानस हुआ। मुख्यमंत्री आज भी इस विषय पर बहुत गंभीर है, उनका निरंतर प्रयास रहता है कि गौसंरक्षण पर किसी भी प्रकार का कोई लापरवाही और समझौता नही किया जाए परंतु जैसे जैसे सरकार को समय बीता सब कुछ जैसे ठंडे बस्ते में जाने लगा, गौशाला गौ संरक्षण के नाम पर लोगो ने अपनी अपनी दुकानें खोलना चालू कर दी,आज प्रदेश में गौशाल की गिनती तो शायद किसी प्रशासनिक विभाग से भी ज़्यादा हो जो सिर्फ सेटिंग के बूते कागज़ों में अपनी उपलब्धता दर्ज करा सरकार को चूना लगा रही है, उनका न तो गौ संरक्षण से कोई लेना देना है न ही गाय के प्रति कोई श्रद्धा और संवेदना सिर्फ गांधी प्रेम, जवाबदेही कोई है नही भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है, नही तो  कही धर्म के नाम पर तो कही दबंगई दिखा कर काम करवाना इनको आता है।

ताज़ा मामला

यूपी के उन्नाव क्षेत्र के थाना आसीवन अंतर्गत आने वाले मियांगंज गाँव का है। जहाँ गौशाल तो है वह भी पूरे 10 बीघा भूमि क्षेत्र में परंतु गाय गिनती की वह भी सिर्फ निजी जी हां गौशाला संचालक है ग्राम प्रधान राजू। इतने बड़े क्षेत्र में गौशाला वह भी ग्रामीण क्षेत्र लगभग हरियाली से भरपूर गायों की तो मौज होगी कुछ ऐसा ही विचार आया होगा मन में मेरा भी कुछ ऐसा ही विचार था परंतु वहाँ पहुँच कर जो स्तिथि देखी वह दर्दनिय थी, सड़क पर आवारा जानवरो का समूह उनमें कुछ घायल भी थे जिसमें से एक अधिक घायल का फोटो भी हमारे कैमरा पर्सन द्वारा लिया गया। कुल मिलाकर जैसा हाल पूरे प्रदेश का है सड़क हो या गली या फिर राष्ट्रीय राजमार्ग हर जगह चार पैर का पहरा सावधानी हठी दुर्घटना घटी "मरे तो राम नाम बचें तो जनता बाटे इनाम"। ऐसा ही मियागंज का हाल सड़क पर आवारा गाय साँड डेरा जमाए या तो बैठे है या वार्तालाप में व्यस्त प्रतिदिन स्वयं चोटिल होते है और राहगीरों की जान भी जोख़िम में डालते है कोई न कोई छोटी बड़ी दुर्घटना का केंद्र बनते जा रहे है आवारा गाय साँड क्षेत्र में इतनी बड़ी गौशाला होने के पश्चात भी। हमारी टीम द्वारा ग्राम प्रधान से संपर्क करने की कोशिश की गई साथ ही गौशाला का अनौपचारिक निरक्षण करने की भी कोशिश की गई परंतु अधिक समय हो जाने के कारण हम असमर्थ रहे।

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