जीएसवीएम इंस्टीट्यूट बनेगा इंटेंसिव केयर का टॉप सेंटर ...
सारे वार्डों में इंटेंसिव केयर की सुविधा...
कानपुर के हैलट में अति गंभीर रोगियों को अत्याधुनिक इंटेंसिव केयर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। किसी गंभीर रोगी को रेफर करने की नौबत नहीं आएगी। विभिन्न रोगों से ग्रसित लोगों और घायलों को तुरंत जीवन रक्षक इलाज मिल जाएगा।
जीएसवीएम को स्वायत्त इंस्टीट्यूट बनाए जाने के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया गया है और योजनाएं शामिल की गई हैं, उन पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हामी भर ली है। सोमवार रात मेडिकल कालेज की प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी ने डॉ. हर्षवर्धन से दिल्ली में मुलाकात की। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के इंस्टीट्यूट बनने के बाद इसे इंटेंसिव केयर का शीर्ष संस्थान बनाए जाने पर सबसे अधिक जोर दिया जा रहा है। इसी वजह से अमेरिका के इमरजेंसी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार को कालेज की विजिटिंग फैकल्टी बनाया गया है।
डॉ. कुमार ने फौरी तौर पर कालेज प्रबंधन को इमरजेंसी मेडिसिन की कार्ययोजना बताई है। इसी आधार पर हैलट और संबद्ध अस्पतालों को तैयार किया जाएगा। इस कार्ययोजना के मुताबिक सिर्फ इमरजेंसी ही नहीं, सारे वार्डों में इंटेंसिव केयर की सुविधा उपलब्ध रहेगी। डॉ. लालचंदानी ने फोन पर बताया कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करके सारी योजनाओं के संबंध में बताया। इस पर केंद्रीय मंत्री राजी हैं। कालेज को स्वायत्त इंस्टीट्यूट का दर्जा मिलते ही सारी योजनाओं को अमली जामा पहना दिया जाएगा।
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