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बस अड्डे पर वैध हो चला हर अवैध कार्य प्रबंधक भी चिंतित ...

आदमी एक नाम काम अनेक

भ्रष्टाचार की जड़े कितनी गहरी होती है इसका जीता जागता उदाहरण है कानपुर अंतर्राज्यीय बस अड्डा जहाँ अवैध वेंडरों को नही किसी का भय चाहे चलाओ जितनी ख़बर या स्वयं निरिक्षण करें डी एम। परन्तु ऐसा क्यों क्या कारण है जिसके चलते बस अड्डे पर इस प्रकार की अराजकता पर कोई लगाम नही लग पा रही है, कौन है इन सब के पीछे क्या है उसकी पहचान और कहाँ तक है उसकी पहुँच जिस के चलते बस अड्डा प्रशासन भी है उस के आगे नतमस्तक।

तो चलिए हम बताते है कि वह कौन बाहुबली है जो सब को रखता है अपनी जेब में प्रशासन हो या पत्रकार सब से करा लेता है वह अपने सारे टेढ़े मेढे कार्य। श्रीमान का उप नाम लालू है असली नाम तो उसके लिए काम करने वाले अवैध वेंडर तक नही जानते पर जो हमारे सज्ञान में है कि लालू नामक इस ठेकेदार का असल नाम क्या है वह भी हम जल्द साक्ष्य के साथ आप के सामने प्रस्तुत करेंगे। वैसे तो वह बस अड्डे पर दो कैंटीन के संचालन का ठेका भी लिए है परंतु सिर्फ़ दिखावे के लिए ठेका दो का कब्ज़ा पूरे बस अड्डे पर, बाहर के साथ परिसर के भीतर भी कई अवैध ठेले और दुकानों का संचालन लालू के अवैध गुर्गों कहना गलत नही होगा क्योंकि अक्सर यात्रियों के साथ टप्पेबाज़ी उनका समान इधर से उधर करना पकड़े जाने पर मार पीट करना इन की दबंगई को दर्शाता है जिस के कई साक्ष्य भी है। 

कैसे संभव

परंतु सब से हैरान करने वाली जो बात ही वह है इतना सब कुछ हो रहा है प्रशासन अर्थात सम्बंधित थाना और बस अड्डा प्रशासन क्यो सोया है। कारण तीन ही हो सकते है पहला सज्ञान में न होना जो कि असंभव है दूसरा रसूख़ जो कि लालू की कुंडली के अनुसार ग्रह दशा तो कुछ और ही कहती है तीसरा कारण सब से प्रमुख है बाप बड़ा न भैया सब से बड़ा रुपया जिस की दुर्गंध छुपती नही। कारण जो भी हो परंतु यह तो निश्चित ही बिना किसी संरक्षण प्रलोभन सरकारी जमीन पर सरकारी कार्य क्षेत्र में इतने सारे अवैध कार्यो का लंबे समय से संचालन बिना किसी रोकटोक कैसे संभव है।

क्या कहते है बस अड्डा प्रबंधक 

अपने प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए हमारी पी के न्यूज़ की टीम द्वारा बस अड्डे पर दो सप्ताह पूर्व नवनियुक्त  एआरएम राजेश जी से मुलाक़ात की गई तथा उनके समक्ष बस अड्डे पर चल रही अवैध गतिविधियों के साक्ष्य सहित जब उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो हम स्वयं अचंभित रह गए। सर्वप्रथम तो श्रीमान एआरएम महोदय एवं उनके सहयोगी किसी भी लालू नामक व्यक्ति को नही जानते। काफ़ी बड़ा क्षेत्रफल बाउंड्री नही होने के चलते बे रोकटोक आवागमन पर अंकुश लगाने में फ़िलहाल असमर्थता। अवैध वेंडर  पार्सल लोडिंग पर पूर्ण रूप से रोक लगा पाना फ़िलहाल संभव नही परंतु दोनों ही बिंदुओं पर संबंधित व्यक्तियों को सख़्त दिशानिर्देश दिए जा चुके है आदि कई प्रमुख प्रश्नों का उत्तर एआर एम महोदय द्वारा विन्रमतापूर्वक दिया गया। एआरएम द्वारा बताया गया कि बस अड्डे पर साफ सफाई सुरक्षा के मानकों की पूर्ति यात्री प्रतीक्षा एवं विश्राम ग्रह का सुनियोजन अग्निशमन उपयंत्रो का उचित मात्रा में बस अड्डे पर होना बंद पड़े काउंटर्स को पुनः आरंभ कराना यात्रियों से शालीनता से वार्तालाप आदि कुछ प्रमुख क्षेत्रो पर सर्वप्रथम कार्य किया गया है जिस का साफ असर भी बस अड्डा परिसर में आप को देखने को मिल रहा होगा। 

ज्ञात कराई अपनी परेशानी

बस अड्डा प्रशासन द्वारा हमारी टीम को और भी कई प्रमुख बिंदुओं पर अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया। सर्वप्रथम संख्या बल की कमी जिस के कारण कार्य की गति समय सीमा प्रभावित होती है, बस अड्डे पर सीवर भराव कई बार सूचित करने पर भी किसी भी प्रकार का कोई ठोस समाधान नही, बस अड्डे के प्रमुख द्वार पर अतिक्रमण जिस के चलते लगता है हरपल जाम पुलिस पार्टी बनी रहती है मुकदर्शक, सबसे प्रमुख समस्या जो बस अड्डा प्रशासन की गहन चिंता का विषय है वह है तैयार हो रहा नया पुल जो कि ठीक बस अड्डे के मुख्य गेट के सामने से हो कर गुजरेगा जिसके चलते प्रतिदिन 600 से अधिक आवागमन करने वाली कानपुर बस अड्डे की बसों को टाटमील चौराहें से घूम कर वापस चढ़ना पड़ेगा जिस के चलते पैसे समय की बर्बादी संग प्रतिदिन लंबे जाम की स्थिति उतपन्न होना निश्चित है जिसके संदर्भ में कोई भी ठोस रणनिति एवं उपाय किसी के पास नही है। सब का यह ही कहना है कि पुल का निर्माण बस अड्डे की लाइफ लाइन को ख़त्म कर देगा जो कि भविष्य में बस अड्डे के अस्तित्व पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। बस अड्डा प्रशासन दावा निवेदन किया गया शहर की ख्याति अनुरूप इस बस अड्डे के रखरखाव में हम को सब के संयोग की आवश्यकता है।

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