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दो माह में चौथी बार सीबीआई फिर पहुंची बीआईसी ...

संपत्तियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच.... 

कानपुर में ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन (बीआईसी) के बंगलों की बिक्री में बरती गई अनियमितता के मामले में सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने संपत्तियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच की। यहां के चार अफसरों को जांच में शामिल किया है।

उन्हें लेकर सीबीआई के अफसर शहर के दो बैंक भी पहुंचे। यहां भी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज खंगाले। टीम देर रात तक छानबीन करती रही। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने कानपुर में वर्ष 2003 से 2007 के बीच में बीआईसी में तैनात रहे अफसरों का ब्यौरा भी जुटाया है।
मौजूदा अफसरों से अलग-अलग पूछताछ की। सीबीआई के अफसर पूर्व में जब्त किए गए दस्तावेजों और मुख्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों की पड़ताल कर रहे हैं। यह भी देखा कि कोई प्रमुख दस्तावेज अभी मुख्यालय में छिपाकर तो नहीं रखा गया है।

दो माह में यह चौथा मौका है जब सीबीआई की टीम ने यहां जांच की। माना जा रहा है कि बंगलों की बिक्री में बरती गई अनियमितता के मामले में सीबीआई जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचने वाली है।

यह था मामला

बीआईसी की लाल इमली और धारीवाल मिल को चलाने के लिए कैबिनेट और बाइफर ने रिवाइवल प्लान की मंजूरी दी थी। बीआईसी की सरप्लस संपत्तियों की 2003 में बिक्री की गई थी। इन बेशकीमती संपत्तियों या बंगलों को कौड़ियों के भाव में शहर के तमाम रईसों को बेचा गया था।

बाद में 2006 में इनकी बिक्री में बरती गई अनियमितताओं पर कपड़ा मंत्रालय में शिकायत की गई थी। इसके बाद मामला सीबीआई के पास चला गया। पिछले साल नवंबर के अंतिम सप्ताह में सीबीआई ने बीआईसी के पूर्व सीएस केसी वाजपेई और सीएमडी केएस दुग्गल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।

इन लोगों ने खरीदे हैं बीआईसी के बंगले

मेसर्स जार्ज एंड संस, मेसर्स शीलिंग हाउस स्कूल, मेसर्स एसपीएफएल प्राइवेट लिमिटेड, भार्गव प्राइवेट लिमिटेड, हिडेन ब्यूटी डेवलपर्स, बालाजी कंस्ट्रक्शन, कमल किशोर चौरसिया, पीसी कुरेले, आनंद कुमार चौरसिया, एमवीआर बिल्डर्स, फ्लोमोर बिल्डर्स, फैजान मलिक, एस तिवारी, टीपी गुप्ता, सुशांत तिवारी, एमजी डेवलेपर्स एंड मिर्जा टेनर्स लिमिटेड, मेसर्स एमेजान इंटरप्राइजेज लिमिटेड, मेसर्स एसपीएफआर रियल इस्टेट लिमिटेड ने मिलकर बीआईसी के 27 बंगलों को खरीदा है।

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