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खनन माफिया का बढ़ता हौसला,वन विभाग की ज़मीन पर भी किया कब्ज़ा, ...

माफिया ने वन विभाग की पांच बीघा जमीन भी खोद डाली, 15 से 20 फीट तक खुदाई कर बना दिए तालाब,

खनन माफिया ने किसानों, ग्रामसमाज, केडीए की जमीनों के साथ-साथ वन विभाग की भी जमीन पर खुदाई कर उसकी मिट्टी बेच डाली। माफिया ने लेखपाल से सेटिंग कर कानपुर में बिधनू के ओरछी गांव में स्थित वन विभाग की पांच बीघा जमीन (आराजी संख्या-382) पर 15 से 20 फीट तक खुदाई कर डाली।

बारिश के बाद ये गड्ढे तालाब बन गए हैं। इतना ही नहीं माफिया ने 50 पेड़ भी काट डाले। इसका खुलासा एक सप्ताह पहले तब हुआ जब वन विभाग अपनी जमीन की पैमाईश कराने पहुंचा। ग्रामीणों का आरोप है कि लेखपाल इसके लिए पांच हजार रुपये रोज लेता था।
खनन की शिकायत पर पहुंचे सिपाही को भी नही बख्शा था
बिधनू के कोरिया चौकी क्षेत्र में एक सप्ताह पहले देर रात खनन होता देख एक किसान ने पुलिस को सूचना दी थी। मौके पर पहुंचे कोरिया चौकी में तैनात सिपाही ने जेसीबी और डंपर को थाने ले जाने की बात कही।

इस बीच पहुंचे सत्ताधारी नेता के साले ने साथियों संग मिलकर सिपाही की लात घूसों से पिटाई कर दी थी। वर्दी तक फाड़ डाली थी। मामला सत्ताधारी नेता से जुड़े होने के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे सिपाही को ही माफिया से माफी मांगनी पड़ी थी। इसके बाद मामला रफादफा हो गया।

पुलिस का हिस्सा भी नेता जी के साले के पास

खनन में सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर हिस्सा बंटा हुआ है, लेकिन नेता जी साले पुलिस का भी हिस्सा अपने पास ही रखते हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब बिधनू थाने में तैनात एक दरोगा ने खनन की दो गाड़ियां बंद कर दीं। इसके बाद नेताजी को सामने आना पड़ा। तब मामला खुला। हालांकि पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा।

ऐसे करते हैं किसान और पुलिस को गुमराह

खनन माफिया पुलिस को गुमराह करने के लिए किसान की तीन बीघा की रॉयल्टी लेकर आते हैं। इसके बाद 15 से 20 बीघा जमीन खोद लेते हैं। किसानों का आरोप है कि खनन माफिया प्रति बीघा एक फीट खुदाई 18 हजार रुपये देते हैं। खनन देर रात में होता है। सुबह किसान जब खेत पहुंचता है तो एक फीट से कहीं गहरी खुदाई हो चुकी होती है।

मिट्टी ले गए, पैसा नहीं दिया

महाराजपुर के बैजा खेड़ा निवासी बदलू और महौली निवासी रवि शंकर का आरोप है कि दो सप्ताह पहले इलाके के रहने वाले लंबरदार बंधु ने उसके खेत से मिट्टी निकालने का सौदा किया था। लंबरदार खेत से मिट्टी तो खोद ले गए, लेकिन भुगतान नहीं किया।

भोकाल दिखाने को बुलाते हैं नेताओं और अधिकारियों को

खनन माफिया इलाके में अपनी हनक जमाने के लिए समय-समय पर घर और इलाकों में कार्यक्रम भी कराते हैं। इनमें सत्तापक्ष के नेताओं, अधिकारियों को भी आमंत्रित करते हैं। इसके बाद इलाके में रौब गांठते हैं। उनकी पकड़ और पहचान बेचारे किसान घुटने टेक देते हैं।

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