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उलमाओं के समझाने पर सड़क छोड़ी महिलाओं ने ...

घटनाक्रम संछिप्त में

 कानपुर: बीते रविवार पुलिस द्वारा जबरन महिलाओं द्वारा मोहम्मद अली पार्क सीएए धरना प्रदर्शन स्थल को खाली करवाने की कार्यवाही पुलिस के लिए जी का जंजाल मुहावरें जैसी हो गई।
आनन फ़ानन में की गई कार्यवाही से न सिर्फ़ प्रदर्शन कर रही महिलाएं एवं उन का सहयोग कर रहे लोग आक्रोशित हुए बल्कि सम्पूर्ण जनता इस कार्यवाही का विरोध करने सड़कों पर उतर आई। 
रविवार की देर रात से लेकर मंगलवार दोपहर तक प्रदर्शनकारी महिलाओ को ज़िला प्रशासन विभिन्न माध्यमों से समझता नज़र आया।
आरम्भ में तो प्रशासन द्वारा समझाने संयोग करने का व्यर्थ प्रयास संग तीखें तेवर भी दिखाए गए परंतु जैसे जैसे समय बीतता गया प्रशासन के आला अधिकारियों एवं जनता से संयोग करने की अपील कर रहे सम्मानित व्यक्तियों के मत्थे पर चिंता की लकीरें गहरी होती गई।
प्रदर्शनकारी महिलाएं किसी भी बात पर मानने को तैयार नही थी। प्रशासन द्वारा हर संयोग की बात कही गई यहाँ तक प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा नियमों के विपरीत जा कर पार्क में पुनः धरना प्रदर्शन की आज्ञा भी दे दी गई थी। इस सब के बाद भी महिलाएं बच्चें हलीम चौराहें से अजमेरी चौराहा चमनगंज गुरद्वारा सड़क तक बड़ी संख्या में बीच सड़क पर जमे बैठे रहें।

कानपुर में मस्जिदों के पेश इमामों और क्षेत्रीय लोगों की बड़ी मशक्कत के बाद सीएए के खिलाफ चमनगंज में सड़क जामकर धरना दे रहीं महिलाएं मोहम्मद अली पार्क गईं। उलमा ने सड़क जाम कर किसी को तकलीफ पहुंचाने को शरीअत और इंसानियत के खिलाफ बताया। क्षेत्रीय लोगों ने भी प्रदर्शन को समर्थन जारी रखने के साथ आम जनता को हो रही परेशानी पर नाराज़गी ज़ाहिर कर महिलाओं से अनुरोध किया कि वह पूर्व की भांति मोहम्मद अली पार्क में अपने समय अनुसार शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन जारी रखें। हम सब आप के साथ है। 

हम आप है सरकार नही

काफ़ी मशक्कत सब के समझाने कुरान हदीसों के हवाले दिए जाने पर महिलाओं द्वारा सशर्त पुनः पार्क में धरना प्रदर्शन शरू करने पर सहमति जताई। जिसका कुछ महिलाओं ने पहले विरोध किया लेकिन यह बताने पर कि दुकानें, बैंक, स्कूल, कारखाने बंद होने से नुकसान हो रहा है तो वे मान गईं। मंगलवार की देर रात सड़क से उठकर मोहम्मद अली पार्क पहुंचीं। बुधवार को 37वें दिन सीएए के खिलाफ महिलाओं का धरना जारी रहा।महिलाओं ने स्पष्ट कहा हम बीते एक माह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे है किसी को कोई परेशानी नही हुई। आम जनता कोई किसी भी प्रकार की परेशानी हमारे द्वारा न हुई है और न होगी हम इस का पूरा ख्याल रखते आए है बस प्रशासन ख्याल रखें कि जो गलती एक बार हुई है वह पुनः न हो अन्यथा ज़िम्मेदार कौन होगा यह कहना आवश्यक नही क्योंकि "हम आप है सरकार नही" जो सिर्फ अपने मन की बात करती है जनता की न तो सुनती है और न ही धरातल की सच्चाई देखना चाहती है।

प्रशासन को लेना पड़ा उलमा और मस्जिदों का सहारा

मंगलवार देर रात जब मस्जिदों के पेश इमाम हलीम कॉलेज चौराहे पर धरना दे रहीं महिलाओं को समझाने पहुंचे तो वे बिगड़ गईं। ‘मौलाना लोग वापस जाओ’ के नारे लगाने लगीं। इस पर तंजीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के अध्यक्ष हाफिज मो. फैसल जाफरी, सईदाबाद मस्जिद के पेश इमाम मौलाना असरार अहमद बकाई, घड़ी वाली मस्जिद के पेश इमाम कारी मोहम्मद माज सलामी ने कुरान और हदीस का हवाला देकर उन्हें समझाया।
इसके साथ ही कारोबार का नुकसान होने पर क्षेत्रीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की। महिलाओं ने कहा कि जब वे शांतिपूर्ण ढंग से मोहम्मद अली पार्क में धरना दे रही थीं तो उन्हें बाहर क्यों निकाला गया। पुलिस ने अभद्रता की। कहा कि पुलिस ने फिर परेशान किया तो आंदोलन तेज होगा।पुलिस को अंदाजा न था शाहीन बाग बन जाएगा चमनगंज, इसके बाद हाथ में तिरंगा लिए हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते पार्क में चली गईं।

महिला को पकड़ पुलिस को सौंपा

लोगों ने बताया कि मोहम्मद अली पार्क में बुधवार शाम पांच बजे एक महिला आई और कहने लगी यहां कुछ आतंकवादी आए हैं। इस पर पार्क में हड़कंप मच गया। धरने पर बैठी महिलाओं ने उसे दबोच लिया और पुलिस को सौंप दिया। बाद में पुलिस ने पूछताछ कर उसे छोड़ दिया। यह महिला किसी संस्था से जुड़ी है और पनकी की रहने वाली बताई गई।

प्रशासन (महिला अधिकारियों) ने दिखाई समझदारी

रविवार की कार्यवाही से बड़े आक्रोश एवं जनता की प्रतिक्रिया  से सबक लेते हुए प्रशासन के आला अधिकारियों विशेष तौर पर महिला अधिकारियों द्वारा बड़ी सूझबूझ एवम समझदारी के साथ चमनगंज सहित पूरे शहर में अमन शांति एवं कानून व्यवस्था बरकरार रखने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। पूरे समय घटना क्षेत्र में प्रशासन का प्रतिनिधित्व महिला अधिकारियों द्वारा किया जाता रहा। प्रदर्शनकारी महिलाओं से निरंतर संवाद कर उनको समझाने का प्रयास एवम उस में सर्वप्रथम सफलता का श्रेय महकमें की महिला अधिकारियों को ही जाता है जिन का संयोग अन्य अधिकारी एवं क्षेत्रीय लोग भी करते रहें। 

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