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लक्षण पहचान लेते तो बच सकती थी जान, ...

कानपुर में पुराने बीमार सतर्क रहें

कानपुर में बुधवार को जिन दो कोरोना रोगियों की मौत हुई है, उनमें रोग के लक्षण पहले ही आ गए थे। लेकिन उनको गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके बाद दोनों रोगियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जब स्थिति नाजुक हो गई तो उन्हें अस्पताल लाया गया।

तब तक देर हो गई थी, अगर पहले लाया गया होता तो परिणाम दूसरा हो सकता था। डाक्टरों की लाख कोशिशों के बावजूद वे फिर बच नहीं पाए। डाक्टरों का कहना है कि लक्षण उभरने के साथ तुरंत जांच होनी चाहिए। इस संबंध में लोगों को बताया भी जा रहा है।

जूही के रहने वाले 52 वर्षीय संक्रमित रोगी जिनकी मौत हुई है वह पहले डायबिटीज के रोगी रहे हैं। उन्हें आठ दिन से बुखार आ रहा था। घरवाले भी नहीं समझ पाए। जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो 8 जून को अस्पताल लाया गया और 9 जून को मौत हो गई।

उनके ढंग से इलाज का मौका नहीं मिला। नौबस्ता की 65 वर्षीय महिला को कैंसर होने की जानकारी मिली है। उनका इलाज चल रहा था। उन्हें भी चार दिन से बुखार आ रहा था लेकिन जब सांस लेने में बहुत दिक्कत होने लगी तो अस्पताल लाया गया। उनका मस्तिष्क ढंग से काम नहीं कर पा रहा था। वह अस्पताल आने के बाद कुछ घंटों में ही चल बसीं।

पुराने बीमार ज्यादा सतर्क रहें

डॉक्टरों का कहना है कि गुर्दा, कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, हाई ब्लडप्रेशर आदि रोगों के पुराने रोगियों के लिए कोरोना अधिक घातक है। उन्हें जुकाम, बुखार, खांसी, गले का संक्रमण सरीखे लक्षण उभरने पर तुरंत जांच करा लेनी चाहिए।

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