सरकारी विभागों में दलालों के वर्चस्व, निर्भीक हो धन उगाही ...
दलालों के आका आखिर कौन?
कानपुर:- कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सरकार द्वारा आदेशित लॉक डाउन के कारण जहाँ लोगो के जामें जमाये कारोबार ठप पड़े है, वही नौकरी पेशा लोगों के सर पर भी काम पर से निकाले जाने या वेतन कटौती की तलवार लटकी हुई है। देश भर में कुल कितनों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है इस का कुल आंकलन कर पाना वर्तमान समय में संभव नही,हाँ प्रतिदिन बढ़ती हुई आपराधिक गतिविधियां एवं आत्महत्याओं से यह तो स्पष्ट है कि स्तिथि ठीक नही है।
सरकारी दावे
बढ़ती हुई बेरोज़गारी चिंता का विषय न सिर्फ आम जनमानस के लिए है बल्कि सरकारों के लिए भी यह एक बड़ा सिर दर्द है, जिसका समाधान निकालने का हर संभव प्रयास सरकारे(केंद्र/राज्य) की करने का भरसक प्रयास करती रहती है। परंतु वर्तमान परिस्थितियों का अगर गहन अध्यन किया जाए तो कागज़ी खानापूर्ति के आगे कुछ भी संभव नही है यह सब जानते है, चाहे सरकारें कितने लुभावने पिटारे खोल घोषणाएं करती रहे या विपक्ष सरकार की समस्त नीतियों पर विधवा विलाप कर अपनी खोई हुई राजनीतिक ज़मीन पुनः पाने की कोशिश करता रहे सत्यं यही है देश का युवा बेरोज़गारी के दलदल में दस रोज़गार की आस में या तो जरायम की दुनिया की ओर अग्रसर हो चला है या फिर कुंठित हो आत्महत्या जैसे अपराध का बोध हो रहा है। ऐसे बेरोज़गार तनावग्रस्त युवाओं को प्रलोभन एवं झांसा दें शिकार बनाना टप्पेबाज़ों के लिए बाए हाथ का खेल है।
दलालों के माया जाल
विश्व विख्यात कानपुर पहले कभी देश विदेश में अपनी अलग पहचान रखने वाला गंगा किनारे बसा शहर आज कल किसी न किसी कारण सुर्ख़ियो में बना ही रहता है, भले ही वह अराजकता आपराधिक गतिविधियों लूटपाट डग्गामारी आदि के लिए क्यो न हो।
जहाँ एक और कोविड 19 संक्रमण के चलते लोग अपनी नौकरियों से हाथ धो रहे है वही मौके पर चौका मारने वालो की भी कोई कमी नही है जी हाँ हम बात कर रहे है उन दलालों की जो भोले भाले लोगो को सरकारी नौकरी का झांसा दे उनसे मोटी रकम की टप्पेबाज़ी करने में कही पीछे नही। कहना गलत नही होगा सरकार किसी की भी हो भ्रस्टाचार के असुर का पेट हमेशा भरता आया है और ऐसे दलालों के माया जाल के चलते भरता रहेगा।
कानपुर के एक सरकारी विभाग में उच्च पद पर आसीन महोदय द्वारा ऐसे ही एक मध्यवर्गीय परिवार की युवती को अपने एक परिचित द्वारा झांसे में लेकर नौकरी का पक्का वादा कर की गई पैसे की टप्पेबाज़ी। अब लगातार संपर्क करने पर न तो युवती को मिली नौकरी न ही सरकारी बाबू द्वारा लौटाई जा रही है पीड़ित द्वारा दी गई धन राशि।
जहाँ एक ओर योगी सरकार यूपी में नौकरियों के तांता लगाने के दावे कर रही है वही दूसरी ओर सरकारी विभाग के दलाल गैंग पहले से सक्रिय हो ज़रूरतमंद बेरोजगार युवक युवतियों को नौकरी दिलाने का झांसा दे निर्भीक हो धन उगाही कर रहे है।
Leave a Reply