कई बड़े शिक्षण संस्थानों के छात्र,नक्सली समर्थकों के संपर्क ...
नक्सली समर्थकों के संपर्क में हैं यूपी के कई बड़े शिक्षण संस्थानों के छात्र,
कानपुर समेत प्रदेश के कई बड़े शिक्षण संस्थानों में नक्सली समर्थकों की पैठ है। वे वहां के छात्रों के सीधे संपर्क में हैं। हाल में ही नक्सली गतिविधि में भोपाल से गिरफ्तार हुए दंपति से पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर एटीएस की जांच में इसका खुलासा हुआ है। इस संबंध में एटीएस के रडार पर शहर के दो लोग हैं। कभी भी उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
आठ जुलाई को यूपीएटीएस ने भोपाल से शिक्षक दंपति मनीष श्रीवास्तव व अमिता श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था। दोनों पर नक्सलियों का समर्थन करने व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप है। एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक जांच में पता चला है कि नक्सली समर्थकों ने शिक्षण संस्थानों को निशाना बना रखा है।
वहां पर ये छात्रों के कुछ गुटों के संपर्क में हैं। वह उन्हें नक्सली साहित्य सहित अन्य चीजें मुहैया करवाते हैं। इसमें कानपुर, लखनऊ, एनसीआर, अलीगढ़, वाराणसी, इलाहाबाद समेत अन्य शहर के शिक्षण संस्थान शामिल हैं।
एटीएस के अधिकारी के मुताबिक नक्सली समर्थक संस्थानों के छात्र गुटों के संपर्क में हैं। वह उनके साथ बैठक भी करते हैं। इस दौरान वह छात्रों को भड़काने का प्रयास करते हैं, जिससे विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो। इस संबंध में एटीएस को पुख्ता साक्ष्य मिले हैं।
बाकायदा होती है फंडिंग
गिरफ्तार संदिग्धों के मोबाइल और लैपटॉप सहित अन्य दस्तावेजों से एटीएस को फंडिंग के सुबूत भी मिले हैं। मनीष और अमिता के पास से एक लाख दस हजार रुपये बरामद हुए हैं। ये रकम आठ-दस लिफाफों (पांच-दस हजार) में मिली थी। एटीएस के मुताबिक लिफाफे अलग-अलग जगहों पर पहुंचाई जानी थीं। दरअसल, ये रकम बैठक, नक्सली साहित्य आदि के लिए उपलब्ध कराई जाती है।
शहर का नक्सली कनेक्शन
एटीएस के मुताबिक 2008 में नक्सली गतिविधियों में बच्चा प्रसाद की गिरफ्तारी हुई थी। आज भी उस पर मामला चल रहा है। एटीएस के अधिकारी ने बताया कि बच्चा प्रसाद मनीष के लिए काम करता था।
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