‘कोरोना’ के सेंसिटिव जोन में कानपुर नहीं ...
एहतियातन अस्पतालों में ......
कोरोना वायरस के सेंसिटिव जोन में कानपुर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सूची में शहर का नाम न होने पर भी एहतियात बरती जा रही है। जिले में महामारी विशेषज्ञ डॉ. देव सिंह की अगुवाई में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर दिया गया है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों, आंगनबाड़ी और दूसरे हेल्थ वर्कर से कहा गया है कि बाहर से आने वालों पर नजर रखें।
कोरोना प्रभावित देशों से आने वालों की जानकारी देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा नेपाल से शहर आने वालों का भी डीटेल मांगा जा रहा है। नेपाल के रहने वाले बहुत से लोग शहर में काम करते हैं। ऐसे में पता किया जा रहा है कि जनवरी के महीने में कितने लोग नेपाल जाकर लौटे हैं। इसके साथ प्रदेश के सेंसिटिव घोषित जिलों से आने वाले लोगों पर भी निगाह है।
स्वास्थ्य विभाग ने बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज आदि जिलों को सेंसिटिव घोषित किया है। इन जिलों के लोगों का भी शहर आना-जाना रहता है। महामारी विशेषज्ञ डॉ. देव सिंह ने बताया कि कोरोना से निपटने की तैयारी पूरी है। दवाएं और किट उपलब्ध हैं। इसके साथ ही उर्सला, कांशीराम और हैलट में आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने के लिए कह दिया गया है। शहर सेंसिटिव जोन में नहीं है। शहर से प्रभावित देशों के लिए सीधी फ्लाइट नहीं है।
फ्लू के रोगियों से पूछा, बाहर तो नहीं गए थे
हैलट ओपीडी में बुधवार को खांसी, जुकाम, सांस फूलने और फ्लू के रोगियों की भरमार रही। जिन रोगियों में लक्षण अधिक गहरे थे, उनकी पूरी हिस्ट्री ली गई। यह पता किया गया कि एक महीने में वे कहीं बाहर तो नहीं गए। लोगों से विभिन्न प्रांतों और सेंसिटिव जिलों में आवाजाही के संबंध में जानकारी ली गई। हैलट के सीनियर फिजिशियन डॉ. प्रेम सिंह ने बताया कि जिन रोगियों में फ्लू के लक्षण रहे हैं। उनकी हिस्ट्री ली गई है। ओपीडी में कोई संदिग्ध रोगी नहीं आया।
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