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चांद के बाद सूरज के राज जानने की तैयारी में इसरो ...

जल्द लांच होगा आदित्य एल-1 मिशन

चांद के बाद अब सूरज का अध्ययन करने के लिए इसरो जल्द ही आदित्य एल-1 मिशन लांच करेगा। यह जानकारी इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड (इस्ट्रैक) के निदेशक डॉ. वीवी श्रीनिवासन ने दी। वह बुधवार को कानपुर के भौंती स्थित पीएसआईटी में डॉ. विक्रम साराभाई जन्मशताब्दी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।
उन्होंने कहा कि सूरज पर उठने वाले तूफानों का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 मिशन लांच होगा। अभी तक सूरज पर कोई देश नहीं पहुंचा है। आदित्य एल-1 को 1.5 मिलियन किमी की दूरी तय करनी होगी। इसका ऑर्बिटल पीरियड 178 दिन का होगा। 2020 के मध्य तक आदित्य एल-1 को लांच किए जाने की तैयारी है। आदित्य एल-1 सूर्य के फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर और तेजोमंडल का अध्ययन करेगा। यह सूर्य में होने वाले विस्फोटों का भी अध्ययन करेगा। 

अब नहीं होगी कोई गड़बड़ी, चंद्रयान-3 मिशन होगा सफल

डॉ. श्रीनिवासन ने बताया कि चंद्रयान 2 में जो गड़बड़ियां बाद में हो गईं थीं, वैसी चंद्रयान-3 में नहीं होंगी। चंद्रयान-3 मिशन पूरी तरह सफल होगा। चंद्रयान-2 में अंतिम समय में कंट्रोल सिस्टम सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण रोवर और लैंडर चांद की सतह पर सही ढंग से नहीं उतर पाए थे।

 पहली बार में भारत में बने यान से अंतरिक्ष में जाएंगे यात्री

भारत का पहला मानव सहित अंतरिक्ष यान गगनयान भी 2020-21 तक लांच किए जाने की तैयारी है। गगनयान में दो मानवरहित और एक मानव सहित यान होगा। इसमें भेजे जाने वाले यात्री को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले देश के राकेश शर्मा भी अंतरिक्ष में जा चुके हैं, मगर तब वह रूस के यान पर गए थे। मानव सहित अंतरिक्ष यान भेजने से पहले दो मानव रहित यान भेजे जाएंगे। गगनयान भारत का पहला ऐसा यान होगा, जिससे अंतरिक्ष में मानव भेजे जाएंगे।

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