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गांव की आशा ने बच्ची को अपनाया ...

स्वेच्छा से पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी....

कानपुर में घाटमपुर में तालाब के पास कूड़े के ढेर में नवजात बच्ची मिली। संयोग से गांव का ही एक किशोर खेलते हुए तालाब के पास पहुंचा जहां बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो वह भागकर घर पहुंचा और सारी बात बताई। किशोर की मां भी वहां पहुंची और ग्रामीणों को सूचना दी। गांव निवासी निरंजन (11) ने बताया कि तालाब के पास निरंजन कुतिया के बच्चों को रोटी डालने गया था। उसे कूड़े के ढेर में किसी छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो उसने सोचा कि कुतिया के पिल्ले बोल रहे हैं। लेकिन, जब कूड़े के ढेर के पास जाकर देखा तो वहां एक नवजात बच्ची पड़ी थी।

यह देख निरंजन घर भागा और अपनी मां सुशीला को सारी घटना बताई। सुशीला तालाब के किनारे पहुंची और कूड़े के ढेर में बिलख रही बच्ची को उठाकर सीने से लगा लिया। घर लाकर उसका बदन साफ किया और घरेलू उपचार किया। कूड़े के ढेर में नवजात बच्ची मिलने की सूचना पर गांव के लोग जमा हो गए। पुलिस को भी जानकारी दी गई। जानकारी होने पर गांव की आशा निर्मला यादव वहां पहुंची और उसने बच्ची का पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने की बात कही। साढ़ चौकी के दरोगा महेंद्र सिंह भी गांव पहुंचे।

उन्होंने बताया कि बच्ची को गांव की आशा निर्मला यादव ने स्वेच्छा से पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी पर लिया है। लिखापढ़ी में उसके सुपुर्द कर दी गई है। आशा ने बताया कि उसके दो लड़के हैं जबकि, तीसरी औलाद के रूप में ईश्वर ने उसे बेटी दी है जिसे वह उपहार समझकर पालन-पोषण करेगी।

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