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योजनाओं के लाभ का पूरा डाटा मेंटेन करें अफसर- राज्यपाल ...

 गुस्से में राज्यपाल ने ली अफसरों की क्लास

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा की। छत्रपति शाहूजी महाराज विवि परिसर में सभी विभागों के अधिकारियों से बात की। वह प्रत्येक योजना की तह तक गईं। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि समय पर योजनाओं का लाभ सभी लोगों तक नहीं पहुंचेगा तो मंत्रियों और प्रधानमंत्री के पास यह जानकारी कैसे पहुंचेगी कि प्रत्येक वर्ष कितने लोगों को योजनाओं का लाभ मिला।

नहीं थे राज्यपाल के सवालों के जवाब ज्यादातर के पास

बोलीं, जब मंत्री, प्रधानमंत्री को सही आंकड़े नहीं मिलेंगे तो उसे लोकसभा के सदन पर ढंग से रख पाना मुश्किल होगा। राज्यपाल ने सबसे पहले प्रधानमंत्री की मुद्रा योजना पर बात की। पूरे आंकड़े न मिलने पर कहा कि, विभाग के पास यह डाटा होना चाहिए कि कितने ओबीसी, कितने एससीएसटी, कितने महिला, कितने पुरुष को रोजगार के लिए मुद्रा योजना का लाभ दिया गया।यदि महिलाएं योजना का लाभ कम लेने आ रही हैं तो उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। ऐसा करने से यह पता चल पाएगा कि एक वर्ष में पूरे प्रदेश में कितने लोगों को रोजगार दिया गया। तभी केंद्र सरकार अपनी बात दमदारी से लोगों के सामने रख पाएगी। उन्होंने सिर्फ योजनाओं की ताजा स्थिति ही नहीं जानी बल्कि यहां तक पता किया कि जिन लोगों ने रोजगार के लिए लोन लिया है, उसमें से कितनों का कारोबार अच्छा चल रहा है और कितनों का खराब।

एक्सीडेंट क्लेम समय से ना मिले यह ठीक नहीं

राज्यपाल ने महानगर में एक्सीडेंट से मिलने वाले क्लेम को लेकर सवाल किया तो पता चला कि 20 मामले अभी बाकी हैं जिसमें क्लेम देना है। करीब एक साल हो गया है। इस पर उन्होंने सख्ती से कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है, किसी का एक्सीडेंट हो और छह महीने एक साल तक क्लेम ना मिले।

राज्यपाल की समीक्षा बैठक के प्रमुख बिंदु

1-स्मार्ट सिटी के निर्माण में रैंकिंग का ध्यान रखते हुए काम किया जाए।
2-लाभकारी योजनाओं में लाभार्थी के आर्थिक स्तर उठाने का परीक्षण प्रति वर्ष एक बुकलेट प्रकाशित की जाए
3-सरकारी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों की डिजाइन बदलने की जरूरत पर जोर दिया।
4-स्कूल के बरामदे कवर्ड होने चाहिए, डुप्लेक्स भवन बनाए जा सकते हैं।
5-प्रधानमंत्री शहरी विकास योजनाओं की समीक्षा भी किया।

 

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