पुराना पुल करीब पांच दशक पुराना हो चुका है ...
विशेषज्ञों की चेतावनी
कानपुर में जाजमऊ गंगा पुल कमजोर हो चुका है। इस पर अधिकतम 25 किलोमीटर की गति से ही वाहन गुजारे जाएं। साथ ही दो भारी वाहनों के बीच कम से कम 25 से 30 मीटर की दूरी भी रहनी चाहिए। सोमवार को नोएडा से आई सर्वे कंपनी एसए इंफ्रास्ट्रक्टर्स के विशेषज्ञों ने पुल की जांच के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अधिकारियों को यह सलाह दी है।
एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक वाहनों की गति तय करने और दूरी बनाए रखने संबंधी बोर्ड पुल पर लगाए जाएंगे। एनएचएआई ने बार-बार क्षतिग्रस्त हो रहे जाजमऊ गंगा पुल की मजबूती की जांच कराने का फैसला लिया था। इसके लिए एनएचएआई के अधिकारियों ने आईआईटी के प्रोफेसर से भी संपर्क साधा था। एनएचएआई के मुख्यालय स्तर पर अनुबंधित पुल निर्माण विशेषज्ञ कंपनी एसए इंफ्रास्ट्रक्टर्स से गंगापुल की मजबूती की जांच कराने का फैसला हुआ।
सोमवार को सर्वे टीम जाजमऊ के पुराने गंगापुल (लखनऊ की ओर ) पर पहुंची। इसके बाद कुछ-कुछ दूरी पर क्रेन की मदद से टीम प्रमुख देबाशीष वर्मा के नेतृत्व में सहायक अभियंता कार्तिक सेन, सत्येंद्र राजपूत के साथ एनएचएआई के महाप्रबंधक/परियोजना प्रबंधक पुरुषोत्तम लाल चौधरी ने क्रेन से गंगा पुल के निचले हिस्से की पड़ताल की। इसमें बेयरिंग, डेस्क सरफेस टूटे और कई स्थानों पर ज्वाइंट में दरार मिली। निरीक्षण के दौरान गुजर रहे वाहनों से पुल काफी हिल रहा था। इस पर टीम भी हैरत में दिखी।
पुल की हालत बेहद खराब है, इसमें जरूरत से ज्यादा जंप हैं। मजबूती के लिए जल्द काम कराने की आवश्यकता है। पुल की गुणवत्ता के कई और टेस्ट कराए जाएंगे। इसके बाद एक-एक प्वाइंट की जानकारी साफ हो जाएगी। निरीक्षण रिपोर्ट एक हफ्ते में एनएचएआई के लखनऊ कार्यालय को देंगे। मरम्मत होने तक हादसे से बचने के लिए कुछ टिप्स दिए गए हैं।
- देबाशीष वर्मा, सीनियर कंसलटेंट, एसए इंफ्रास्ट्रक्चर
पुराना पुल करीब पांच दशक पुराना हो चुका है। निरीक्षण के बाद सर्वे कंपनी ने वाहनों की रफ्तार धीमी करने, कुछ दूरी पर वाहन पास कराने के साथ वाहनों का लोड कम करने की बात कही है। इसे लागू कराने के लिए पुलिस, प्रशासन को पत्र लिखेंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर जरूरी उपाय अपनाए जाएंगे।
- पुरुषोत्तम लाल चौधरी, महाप्रबंधक/परियोजना निदेशक, एनएचएआई
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