मंडियों का सभापति बनेगा किसान, अफसरों से छिना पद,चुनाव, ...
अफसरों से छिना पद,मंडियों का सभापति बनेगा किसान
कानपुर में मंडी समिति के सभापति की जिम्मेदारी प्रशासनिक अफसरों से छीनकर अब क्षेत्र के किसानों के हाथों में सौंपी जाएगी। इसके लिए डीएम की देखरेख में बाकायदा चुनाव कराए जाएंगे। मंडियों में किसानों की भूमिका को बढ़ाने के लिए शासन ने मंडी अधिनियम में संशोधन करके यह व्यवस्था लागू की है।
प्रदेश भर की सभी मंडियों में अक्तूबर तक चुनाव कराए जाने की समय सीमा निर्धारित की गई है। सभापति चुनने के लिए मंडी परिषद 15 सदस्यीय समिति बनाएगी। इस समिति में नौ किसान, दो आढ़ती, दो व्यापारी, एक पल्लेदार और एक तौलक शामिल होंगे।
समिति में शामिल किए जाने वाले सदस्यों के लिए मानक और नियम निर्धारित किए गए हैं। इस समिति में उन किसानों को सदस्य बनाया जाएगा जिन्होंने अपने क्षेत्र की मंडी में लाइसेंसधारी व्यापारी को सबसे अधिक उपज बेची होगी। क्रमानुसार एक से नौ नंबर तक के किसान सदस्य बनने के लिए पात्र होंगे।
इसी तरह सबसे अधिक शुल्क अदा करने वाले दो आढ़ती, सबसे अधिक सेस जमा करने वाले दो व्यापारी, सबसे अधिक माल ढोने वाले पल्लेदार और सबसे अधिक तौल करने वाले तौलक सदस्य बनाए जाएंगे। ये सभी 15 सदस्य नौ किसानों को मतदान करके सभापति और उपसभापति चुनेंगे।
किसानों के अलावा कोई अन्य सदस्य सभापति व उपसभापति नहीं चुना जाएगा। माना जा रहा है कि किसानों के हित में फैसला लेने के लिए जितना खुद किसान कारगर होंगे, उतने प्रशासनिक अफसर सक्षम साबित नहीं होंगे।
प्रपत्र-6 लेकर मंडी सचिव से करें संपर्क
मंडी परिषद के उपनिदेशक राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि जो किसान लाइसेंसधार व्यापारी को अपनी उपज बेचते हैं और उनसे प्रपत्र-6 हासिल करते हैं, वे बीते तीन कृषि वर्षों (2016-17 से 2018-19 तक) के प्रपत्र-6 लेकर अपने क्षेत्र के मंडी सचिव से संपर्क करें। ताकि उनका नाम सर्वाधिक उपज बेचने वाले किसानों की सूची में शामिल किया जा सके। मंडी सचिव के सभापति का कराने के लिए समय सारणी जारी की जा चुकी है।
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