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300 करोड़ से अधिक कीमत से बनी पर सुविधाओं का टोटा ...

नई योजना की जानकारी नहीं

कानपुर देहात के शिवली में अरबों रुपये लागत से बनी जिले की इकलौती हवाई पट्टी देखरेख के अभाव में बदहाल होती जा रही है। हवाई पट्टी पर हवाई जहाज की जगह जानवर नजर आते हैं। हवाई पट्टी को जोड़ने वाली सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। बाउंड्री वॉल कई जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। हवाई पट्टी बनने के ग्रामीणों के ख्वाब पूरे होते दिखाई नहीं दे रहे हैं। 

वर्ष 2014 में सपा शासनकाल में जिले में हवाई पट्टी बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था। 2015 में 3.12 अरब रुपये की लागत से हवाई पट्टी शिवली के गांव भेवान, काशीपुर, मरहताबाद व बारनपुर कहिंजरी को मिलाकर बनना शुरू हुई थी। तीन किलोमीटर लंबी व साढ़े तीन सौ मीटर चौड़ी हवाई पट्टी का काम दो साल पहले पूरा हो गया।
पिछले साल नागरिक उड्डयन मंत्रालय लखनऊ में डिप्टी डायरेक्टर नुजहत अली के निर्देशन में एक टीम ने हवाई पट्टी का स्थलीय निरीक्षण किया था। साथ ही राजकीय हवाई जहाज पट्टी पर उतराकर लैंड टेस्टिंग कराई थी। इसके बाद से लोगों को इस पट्टी के शीघ्र चालू हो जाने की उम्मीद जगी थी, लेकिन हवाई पट्टी पर वर्तमान समय में देखरेख के अभाव में जानवर टहल रहे हैं।

वहां बबूल की झाड़ियां फैल गई है, जो हवाई पट्टी तक पहुंच गई हैं। गांव के गिरीश मिश्र ने कहा हवाई पट्टी की बाउंड्रीवाल के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की कलई खुलती दिखाई दे रही है। कई जगह बाउंड्रीवाल ध्वस्त हो गई है। अन्नू बाजपेई ने कहा कि हवाई पट्टी को जल्द चालू किया जाना चाहिए। राकेश यादव ने कहा कि हवाई पट्टी से क्षेत्र में विकास होगा। आशुतोष त्रिवेदी ने कहा कि इस हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। 

यूपी के कानपुर देहात जिले की इकलौती हवाई पट्टी को विकसित करने में हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली स्थापित नहीं है। अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कक्ष, आवास, बिजली, पानी के साथ ही सुरक्षा के इंतजाम नहीं भी नहीं है। इसे विकसित किए जाने की जरूरत है। इसके बाद ही हवाई पट्टी सुचारु तरीके से चालू हो पाएगी।

हवाई पट्टी के बारे किसी नई योजना की जानकारी नहीं है। निरीक्षण करने के बाद आला अफसरों को अव्यवस्था की रिपोर्ट भेजी जाएगी।
रामशिरोमणि, एसडीएम मैथा 

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