दादा नगर स्थित पन्नी फैक्ट्री पर छापा डेढ़ टन पन्नी बरमाद.. ...
फैक्ट्री मे छापा मार डेढ़ टन प्रतिबंधित पन्नी की बरामद
पॉलीथिन पर पाबंदी का अभी तक हम सब की दिनचर्या पर कुछ ख़ास असर नही दिखा,जिस का प्रमुख कारण कनपुरिया भाषा में हम करे तो बस एक शब्द जुगाड़,जैसे तैसे जनता अपना काम निकल ही रही है,क्योकि लाख पाबंदियों के बावजूद भी बाजार मे पन्नी का प्रयोग अभी भी दुकानदारों और ग्राहक दोनों के द्वारा आपसी संयोग के चलते छुपा कर ही सही पर किया जा रहा है,प्रशासन के द्वारा पन्नी बेचने उसको प्रयोग में लाने वालों दोनों पर बीते दिनों कारवाही की गई है,सबसे ज़्यादा प्रशासन ने पन्नी बंद अभियान में मुस्तैदी दिखाई है,वह है गरीब ठेलेवाले,या फिर छोटे दुकानदार किसी भी बड़ी मछली बोले तो पन्नी निर्माता फैक्ट्री पर छापेमारी पूर्ण निष्ठा के साथ नही की गई थी,जिस को लेकर जनता में काफी आक्रोश है,पर शायद अब सरकार के कानों संबंधित विभाग की नींद कुछ टूटी है जिसकाअसर आज दादा नगर उद्योगिक क्षेत्र के एक पन्नी निर्माता कारखाने पर संयुक्त छापेमारी में दिखा।
कानपुर:- गोविंद नगर थाना अन्तर्गत दादा नगर फैक्ट्री एरिया चौकी क्षेत्र मे स्थित पन्नी फैक्ट्री पर पड़ा छापा गोविंद नगर इंस्पेक्टर संजीव कांत मिश्रा ने नगर निगम,प्रदूषण विभाग,एसीएम प्रथम आर.पी. वर्मा,एएसपी चक्रेश मिश्र चौकी प्रभारी राजेश कुमार व अन्य पुलिस कर्मियों संग मिलकर फैक्ट्री मे बन रही प्रतिबंधित पन्नी मे छापेमारी कर किया भांडाफोड़।
जहाँ जनरलगंज निवासी अवनीश गुप्ता की दादा नगर मे श्री नाथ जी पोलीमर्स नाम से पन्नी फैक्ट्री है जिसमे पन्नी मे प्रतिबंध के बाद भी जोरो से पन्नी बनाने का कार्य चल रहा था जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने छापा मारा जिसपर फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे मजदूर पुलिस के आते ही फैक्ट्री का दरवाजा बंद कर पीछे के गेट से भाग गये पुलिस ने दरवाजा खुलवाकर फैक्ट्री के अंदर से लगभग डेढ़ टन प्रतिबंधित पन्नी बरमाद की जिसके बाद पुलिस प्रशासन द्वारा फैक्ट्री संचालक अवनीश गुप्ता पर कड़ी कार्यवाही कर पन्नी को अपने कब्जे मे कर 25000/- रुपयो का जुर्माना किया गया।
इससे पहले भी पूर्व मे एक बार इस फैक्ट्री को सीज किया जा चुका था।
कौन सी प्लास्टिक बैन कौन सी जायज?
50 माइक्रॉन से कम की पॉलिथीन पर रोक,इस्तेमाल करने पर जेल व जुर्माना दोनों शासन के बैन पर सांसत में व्यापारी,प्लास्टिक के कैरी बैग बैन लेकिन पैकिंग में अब भी यूज हो रही पॉलीथिन।
यहां और इस तरह की पॉलीथिन प्रतिबंधित
1-चाय और पान की दुकान में पैकिंग में यूज होने वाली पन्नी
2-मिठाई की दुकान में पनीर,रसगुल्ला,दही आदि की पैकिंग में यूज होने वाली पन्नी
3-हर तरह के प्लास्टिक पॉलीथिन से बने कैरी बैग
मॉल,सभी रिटेल स्टोर,जनरल स्टोर में प्रतिबंधित,ठेलों और ग्रासरी शॉप पर प्रतिबंधित।
यह प्रतिबंधित नहीं
1- ऐसी प्लास्टिक जो पैकेजिंग का हिस्सा हो
2- दूध की थैली,मट्ठा,ब्रेड,नमकीन,पाव-बन
3- डिस्पोजेबल प्लास्टिक गिलास,प्लेटे और चम्मचें
4- जैव चिकित्सा अपशिष्ट एक्ट 1998 (प्रबंधन व निस्तारण) के तहत अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट के निस्तारण में यूज की जाने वाली पॉलीथिन इस बैन से अलग है।
इस प्रकार है जुर्माने का गणित
1- पॉलीथिन की बिक्री करते पहली बार पकड़े जाने पर - 5 हजार रुपए जुर्माना या एक महीने जेल या फिर दोनों
2- दोबारा पकड़े जाने पर -10 हजार का जुर्माना या 6 महीने की कैद या फिर दोनों
3- पॉलीथिन कैरीबैग में कूड़ा फेंकने पर 100 रुपए जुर्माना
4- दोबारा पकड़े जाने पर 2 हजार जुर्माना या एक महीने की कैद
(जुर्माना या सजा उत्तर प्रदेश प्लास्टिक एवं जीव अनाश्रित कूड़ा-कचरा अधिनियम 2000 के तहत )
ऑफिशियल कोट
प्लास्टिक की कौन सी चीजें बैन हैं और कौन सी नहीं इसको लेकर कोई भ्रम की स्थिति नहीं है।शासन के नोटीफिकेशन में साफ तौर पर बताया गया है कि हर तरह के पॉलीथिन कैरी बैग को बैन किया गया है।
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