सीसामऊ नाला बंद करने के लिए सभी के प्रयासों की सराहना की ...
सराहनीय काम हुआ- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर की गंगा में प्रदूषण का कलंक बने सीसामऊ नाला को देखने पहुंचे। नाले के सामने लगाई गई फ्लोटिंग जेट्टी पर उतरकर प्रधानमंत्री ने सीसामऊ नाले के साथ ही अगल-बगल भी देखा। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव उन्हें नाले से संबंधित जानकारी देते रहे। एक मिनट से भी कम समय तक प्रधानमंत्री जेट्टी पर रहे। उन्होंने नाला बंद करने के लिए सभी के प्रयासों की सराहना भी की।
प्रधानमंत्री सीसामऊ नाला जाने के लिए अटल घाट पर दोपहर दो बजकर 40 मिनट पर पहुंचे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी रहे। नाव में प्रधानमंत्री के बगल में सुशील मोदी और सामने की तरफ योगी आदित्यनाथ और रावत बैठे। नाव चलने से पहले प्रधानमंत्री समेत सभी को सुरक्षाकर्मियों ने लाइफ सेविंग जैकेट भी पहनाई।
न बजड़े और न ही बोट बस, दूसरी नाव पर बैठे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री के नौकायन के लिए बजड़े से लेकर 32 सीटर बोट बस की व्यवस्था की गई थी। गंगा के प्रवाह और बजड़े की स्थिति को देखते हुए ऐन मौके पर एसपीजी ने इसे मना कर दिया। बोट बस के बंद होने के कारण इसके इस्तेमाल से इंकार कर दिया गया। पूर्व में लाए गए स्टीमर के जरिए प्रधानमंत्री सीसामऊ नाला देखने के लिए पहुंचे। प्रधानमंत्री की 18 नावों का काफिला अटल घाट से करीब दो बजकर 45 मिनट पर सीसामऊ नाले की ओर रवाना हुआ। तीन बजकर एक मिनट पर उनका काफिला सीसामऊ नाला के सामने पहुंचा। पूरे रास्ते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उन्हें जानकारियां देते रहे।
किनारे खड़े लोगों का किया अभिवादन
प्रधानमंत्री ने अटल घाट से सीसामऊ नाला तक नौकायन में घाट किनारे खड़े लोगों को भी निराश नहीं किया। घाट किनारे खड़े लोगों ने जब पीएम को देखकर मोदी-मोदी के नारे लगाए तो प्रधानमंत्री ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही अटल घाट से नाव पर सवार हुए तो कानपुर के इतिहास में उनसे जुड़ा एक ऐतिहासिक पल भी शामिल हो गया। शहर में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने गंगा की लहरों पर सैर की। गंगा की लहरों पर नावों का यह कारवां देखकर भी स्थानीय लोगों में उत्साह रहा।
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