ये लक्षण हैं तो आप भी हैं फोबिया के शिकार ...
खतरनाक है फोबिया
किसी ना किसी चीज से डर सबको लगता है, मगर जब ये सामान्य से ज्यादा हो जाए तो इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। फोबिया एक ऐसी बीमारी है जो डर और भय के साथ जुड़ी होती है। इसमें पीड़ित व्यक्ति को किसी भी चीज, स्थान, परिस्थिति और वस्तु को लेकर डर हो सकता है। फोबिया में अत्याधिक और ओवर रिएक्शन शामिल होता है। जब डर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो वह मानसिक विकार का रूप ले लेता है।
फोबिया के लक्षण महसूस होने पर महत्वपूर्ण कदम उठाएं, चिकित्सक से परामर्श लें और सही उपचार कराएं। किसी भी डर यानी फोबिया का कारण और लक्षण होते हैं और इससे बचाव के लिए इलाज भी होता हैं। आइए विस्तार से जानते हैं फोबिया के कारण से निवारण तक सबकुछ-
'फोबिया' ग्रीक भाषा के शब्द फोबोस (Phobos) से बना है। फोबिया डर का एक खतरनाक लेवल होता है उसकी अति होता है। फोबिया में डर इतना ज्यादा लगता है कि इंसान इसमें किसी की जान भी ले सकता है और खुद को भी मार सकता है, यानी अपनी जान भी ले सकता है। फोबिया के चलते अपने रिश्तों, सामाजिक जीवन और दफ्तर में भी बहुत दिक्कत आने लगती हैं।
जानिए फोबिया के लक्षण और संकेत क्या होते हैं
जब यह गंभीर रूप से ज्यादा बढ़ जाता है तो इन्सान अपनी जान भी दे सकता है और सामने वाले की ले भी सकता है। इसका लक्षण व्यवहार में तो दिखाई देता है मगर सामने से देखने में यानी व्यक्तित्व में यह लक्षण नहीं दिखता है इसलिए इसको गंभीरता से लेना चाहिए। इसको दो भागों में बांट सकते हैं-विशिष्ट फोबिया और सोशल फोबिया।
जिनके अंदर फोबिया के लक्षण होते हैं
किसी भी डर की चीजें याद करके परेशान हो जाना, बेचैन हो जाना और उस परिस्थिति को नियंत्रित ना कर पाना। जिस चीज से डर लगता है वह चीज जैसे ही सामने आती है,घबराहट और चिंता और ज्यादा बढ़ती जाती है। उस स्थिति से बचने के लिए सारी संभव कोशिश करना।
ऐसे लोगों में अत्यधिक तनाव, बेचैनी का होना, बिन वजह पसीने आना और कोई बात सोचकर ऐसा होने लगना, सच्चाई स्वीकार करने से डरना और परिस्थिति से दूर भागना, हर वक्त सिर में भारीपन महसूस करना,अलग-अलग आवाजें सुनाई देना और ऐसा बार बार महसूस करना, दिल की धड़कन का बढ़ जाना, सांस तेज होना और उसकी गति बढ़ना, पेट खराब होना या डायरिया, चक्कर आना और महसूस होना, शरीर में कहीं भी दर्द महसूस करना और बैचेन रहना, चिंता में पेट खराब हो जाना, ब्लड-प्रेशर बढ़ना या कम होना, किसी भी अवस्था में बहुत ज्यादा पैनिक हो जाना।
विशिष्ट तरह के फोबिया के लक्षण अलग होते हैं जो इस प्रकार हैं
किसी भी चीज के प्रति तर्कहीन भय, किसी भी बात को लेकर अत्यधिक भय, उस बात को सहते रहना या फिर हद तक बर्दाश्त करना, पूर्वानुमानित चिंता करना, आक्रामक रहना, ज्यादा घुटन महसूस करना, जिससे भी डर लगता है उसके सामने आने से पहले ही परेशान हो जाना, उसके सामने आने से पहले ही बैचैन होना।
यह मानसिक रोग का एक प्रकार है- मानसिक रोग बहुत प्रकार के होते हैं इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं
मानसिक रोग के प्रकार - डर( फोबिया) ,बाइपोलर डिसऑर्डर ,अल्जाइमर ,डिमेंशिया ,डिप्रेशन ,तनाव ,चिंता ,डिस्लेक्सिया ,ओसीडी ,पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर ,कमजोर याददाश्त ,याददाश्त का खोना ,भूलने की बीमारी ,भ्रम की,अवस्था ,मतिभ्रम।
साधारण फोबिया, जटिल फोबिया, क्लौस्ट्रफोबिया, एगोराफोबिया
साधारण फोबिया- यह फोबिया बचपन से होने वाला होता हैं, बचपन की कोई बात या स्थान मन में दर पैदा कर देता हैं। यह साधारण फोबिया होता है।
जटिल फोबिया- यह थोड़ा मुश्किल लेवल होता है और इसमें अवस्था ज्यादा गंभीर होती है।
क्लौस्ट्रफोबिया- यह एक प्रकार का चिंता का विकार होता है, किसी भी तंग जगह जाने पर परेशानी महसूस करना इसका मुख्य लक्षण होता है।
क्लौस्ट्रफोबिया के लक्षण-ज्यादा पसीना आना,घबराहट होना और कांपना,उच्च रक्तचाप रहना.चक्कर आना और सिर घूमना,जी मिचलना, मुंह सूखना,गले में कुछ अटका हुआ महसूस होना,छाती में जकड़न और सीने में दर्द,उलझन और भटकाव को महसूस करना,पूरा शरीर या शरीर का कोई हिस्सा सुन्न महसूस करना।
एगोराफोबिया- किस चीज और जगह से डरना एक सामान्य सी बात हैं मगर आप इस डर के कारण बाहर निकलना बंद कर दें और उस जगह ही ना जाएं तो यह एगोराफोबिया फोबिया है। 'भीड़ से डर लगना' एगोराफोबिया है।
एगोराफोबिया के लक्षण- बार-बार तेज धड़कन का महसूस होना,अधिक ठंड या गर्मी महसूस करना, बेहोश होना, चक्कर आना, कुछ भी निगलने में मुश्किल महसूस करना, सीने में दर्द होना,मौत से बहुत डर लगना।
फोबिया का इलाज- इसमें दवाएं ,काउंसिलिंग और थेरेपी का प्रयोग किया जाता है।
दवाइयों के द्वारा, बीटा ब्लॉकर्स, एंटीडीप्रेसेंट्स, सीडेटिव, बिहेवियरल थेरेपी, कोग्निटिव थेरेपी, डिसेंसिटाइजेशन थेरेपी।
Acrophobia- ज्यादा ऊंचाई वाली जगह में डर लगना।
Arachnophobia- छिपकली, मकड़ी जैसे छोटे-छोटे जीवों का डर।
Cyanophobia- कुत्तों से डर।
Nyctophobia- अंधेरे से डर।
Aerophobia- उड़ान से डर।
Astraphobia- बिजली चमकने से डर।
Mysophobia- जर्म से डर।
Trypanophobia- इंजेक्शन से डर।
Amaxophobia - कार ड्राइविंग का डर।
Androphobia - आदमी से डर।
Anthrophobia -फूलों से डर।
Anthropophobia - समाज से डर, व्यक्तियों से डर।
Aphenphosmphobia - स्पर्श से डर।
Arachibutyrophobia - पीनट बटर से डर।
Arithmophobia - संख्याओं से डर ।
Atelophobia - अपूर्णता से डर।
Atychiphobia - असफलता से डर।
Autophobia - अकेलापन से डर।
Bibliophobia - किताबों से डर।
Catoptrophobia - दर्पण से डर।
Chromophobia - रंगों से डर।
Chronomentrophobia -घड़ी से डर ।
Chronophobia - समय से डर।
Domatophobia - घर से डर।
Dystychiphobia - दुर्घटना से डर।
Gamophobia - शादी से डर।
Glossophobia - पब्लिक में बोलने से डर।
Gynophobia - महिलाओं से डर।
Hemophobia - खून से डर।
Bibliography and References
*Medical Expert ( Dr Rohit Sharma).
Specific Phobia in Youth: Phenomenology and Psychological Characteristics
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3380611/
Neurobiology of fear and specific phobias
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5580526/
Phobia: What Is It?
https://www.health.harvard.edu/a_to_z/phobia-a-to-z
What is a phobia? What are the different kinds of phobias?
https://www.medicinenet.com/phobias/article.htm#what_are_the_complications_of_phobias
Common and Unique Fears Explained
https://www.healthline.com/health/list-of-phobias
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